Cashless Treatment

हाई कोलेस्ट्रॉल क्या है और इसके लक्षण।

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    कोलेस्ट्रॉल क्या है 

    कोलेस्ट्रॉल एक मोमी पदार्थ होता है जोकि रक्त में पाया जाता है। कोशिकाओं के स्वस्थ निर्माण के लिए शरीर को कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है। लेकिन कोलेस्ट्रॉल को हार्ट का सबसे बड़ा दुश्मन भी माना जाता है और  कोलेस्ट्रॉल का उचा  स्तर दिल की बीमारी का खतरा बढ़ा सकती है, विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, हृदय रोग दुनियाभर में मौतों के प्रमुख कारणों में से एक माना जाता है और पिछले कुछ सालों में हार्ट के मामले काफी तेजी से बढ़ें हैं। 

    कोलेस्ट्रॉल एक मोम और चर्बी के जैसा एक पदार्थ है जिसका निर्माण लिवर के द्वारा होता है। कोलेस्ट्रॉल पाचन, कोशिका झिल्ली, विटामिन डी और हार्मोन के गठन के लिए बहुत जरूरी होता है। कोलेस्ट्रॉल पानी में नहीं घुल सकता और ये इसलिए शरीर के अन्य अंगों में अपने आप नहीं जा पाता। लिपोप्रोटीन कण इसकी मदद करता है, इसको रक्त प्रवाह के माध्यम शरीर के दूसरे अंगों में पहुंचता है। ये लिपोप्रोटीन दो तरह के होते हैं, इसमें  शामिल हैं, 

    1. कम घनत्व वाला लिपोप्रोटीन (एलडीएल)

    ये लिपोप्रोटीन दिल का दौरा या स्ट्रोक का कारण बनते हैं।  इस को खराब कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है, और ये धमनियों में जम कर दिल की बीमारी का कारण बनता है। 

    2.उच्च घनत्व वाला लिपोप्रोटीन (एचडीएल)

    यह कोलेस्ट्रॉल को लिवर में वापस लौटने में मदद करता है जिससे वह हटाया जा सके। इसको कभी-कभी अच्छा कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है। 

    हाई कोलेस्ट्रॉल क्या है? 

    हाई कोलेस्ट्रॉल एक ऐसी स्थिति है जिसमें आपके खून में बहुत अधिक लिपिड चर्बी होती है जिसको हाइपरलिपिडिमिया या हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया भी कहते हैं। और मेडिकल की भाषा में जब शरीर में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ जाता है तो उसको हाई कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। 

    एलडीएल कोलेस्ट्रॉल का लेवल जब बहुत ज़्यादा होता है या एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का स्तर बहुत कम होता है, तो ब्लड वेसेल्स में चर्बी जमने लगती है, और जिससे कि धमनियों के माध्यम से सही ब्लड सर्कुलेशन में मुश्किल पैदा करती है।

    कोलेस्ट्रॉल, लीवर द्वारा पैदा होता है, जोकि एक चर्बी जैसा पदार्थ होता है, जो पाचन, विटामिन डी,कोशिका झिल्ली और कुछ हार्मोन के गठन के लिए जरूरी होता है। और इसके आलावा ब्लड सर्कुलेशन में मुश्किल आना दिल या मस्तिष्क के लिए घातक साबित हो सकता है। हाई कोलेस्टेरोल की बीमारी किसी भी उम्र के लोगो को हो सकती है। और कोलेस्टेरोल से पीड़ित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 

    कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के लक्षण

    आम तोर पर कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कोई लक्षण नहीं होते है, जो की दूसरी बीमारियों के लिए खतरनाक हो सकता है। कई बड़े बड़े डॉक्टर का कहना है कि 20 या उससे ज़्यादा उम्र के सभी लोगों को हर 5 साल में कम से कम एक बार अपने खून में कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जांच  करवानी चाहिए। लिपोप्रोटीन प्रोफाइल नामक एक रक्त परीक्षण किया जाता है जिससे की कोलेस्ट्रॉल के स्तर की पुष्टि  की जाती है। पर शरीर में कुछ बदलाव कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की ओर संकेत कर सकते हैं।

    स्किन का रंग बदलना

    आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने पर आपकी स्किन के रंग में बलदाव आने लगता है। ऐसे लक्षण  महसूस होने पर डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए। 

    पैरों में दर्द

    पैरों में दर्द जो कई कारणों से हो सकता है ये एक आम समस्या होती है , लेकिन कभी-कभी इसका कारण हाई कोलेस्ट्रॉल  के बढ़ने का भी हो सकता है। 

    रात में क्रैम्प्स

    शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल  बढ़ने पर शरीर के निचले अंगों की धमनियों को नुकसान पहुंचता है, जिसकी वजह से रात के समय पैरों में तेज क्रैम्प्स हो सकते हैं।

    अल्सर का ठीक न होना 

    जैसे कि शरीर में शुगर का स्तर बढ़ने पर अल्सर ठीक नहीं होता है वैसे ही कुछ ऐसे  मामलों में शरीर में कोलेस्टेरॉल का स्तर बढ़ने पर भी अल्सर ठीक नहीं होता है।

    पैरों में सूजन

    कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने पर पैरों में सूजन हो सकती है। यह इसके शुरुआती लक्षणों में से एक होता है।

    पैरों का ठंडा होना

    पैरों का ठंडा होना भी शरीर में कोलेस्टेरॉल बढ़ने का  इशारा होता है। इसलिए इसको नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। 

    शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कितनी होनी चाहिए?

    कोलेस्ट्रॉल का स्तर शरीर में टोटल 200 mg/dl से कम होना चाहिए। एलडीएल यानी कि खराब कोलेस्ट्रॉल 100 mg/dl से कम होना चाहिए और एचडीएल यानी कि अच्छा कोलेस्ट्रॉल 60 mg/dl से ज्यादा होना चाहिए और ट्राइग्लिसराइड्स 150 mg/dl से कम होना सही रहता है। 

    कोलेस्ट्रॉल कैसे बढ़ता है 

    खुराक : सैचुरेटेड चर्बी, ट्रांस चर्बी, पूरी चर्बी वाले डेयरी उत्पाद का सेवन करना 

    मोटापा : 30 या उससे  ज्यादा बॉडी मास इंडेक्स होना 

    कमर का माप : महिला की कमर 35 इंच और पुरुष की कमर 40 इंच ज़्यादा होना। 

    बैठने वाली जीवन शैली : नियमित रूप से व्यायाम न करना

    धूम्रपान : लगातार शराब और सिगरेट का सेवन करना

    शुगर : डायबिटीज की शिकायत होना

    कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के नुकसान

    कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के बहुत से नुकसान  हो सकते हैं, इससे आपको एथेरोस्क्लेरोसिस हो सकता है, कोलेस्ट्रॉल का एक खतरनाक जमाव हो सकता है दिल की  धमनियों की दीवारों पर और ये खून के प्रवाह को कम कर सकता है। जिससे आपको,

    • सीने में दर्द होता है 
    • हार्ट अटैक आने का खतरा बना रहता है 
    • स्ट्रोक बनने शुरू हो जाते हैं। 

    निष्कर्ष :

    अक्सर लोग दिल को हेल्दी रखने के लिए बहुत कुछ करते है घर पर कई उपाय करते हैं और कुछ डॉक्टरी इलाज भी करवाते हैं, क्योंकि दिल हमारी बोड्डी का अहम हिस्सा है। अक्सर उनहेल्थी और ज्यादा ऑयली चीजों को खाने से दिल की कई बीमारिआं हो जाती है और केलेस्ट्रॉल बढ़ जाता है जिससे की दिल का दौरा पड़ने का खतरा बना रहत है और हम डॉक्टरी इलाज से इसको ठीक करवा सकते हैं अगरआपको लगता है की आपका केलेस्ट्रॉल बढ़ रहा है तो आप अपने डॉक्टर को दिखने सही होता है, अगर आपको भी दिल के सबंधी कोई बीमारी या आपको केलेस्ट्रॉल बढ़ने का संदेह होता है और आप इसके बारे में पूछना या इलाज करवाना चाहते हैं तो आप दीपक हार्ट इंस्टिट्यूट जाकर अपनी अपॉइनमेंट को बुक करवा सकते हैं और इसके विशेषज्ञों से इसके बारे में जानकारी प्राप्त पर सकते हैं।

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