स्वस्थ नसों का होना एक व्यक्ति के शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है | आमतौर पर इन नसों का काम खून को शरीर के हिस्से से दूसरे हिस्से में लेकर जाना होता है | लेकिन किन्ही कारणों से नसों में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो जाती है, जिसकी वजह से खून नसों में जमा होने लग जाता है | नसों में खून जमा होने की स्थिति को मेडिकल टर्म में डीप वेन थ्रोम्बोसिस भी कहा जाता है |
डीप वेन थ्रोम्बोसिस एक व्यक्ति के शरीर के किसी भी हिस्से में उत्पन्न हो सकता है | लेकिन ज़्यादातर मामलों में यह स्थिति पैरों की नसों में उत्पन्न होते है, क्योंकि पैरों में शरीर का अधिकतर भार होता है | डीप वेन थ्रोम्बोसिस एक गंभीर स्थिति है, जिसका सही समस्या पर इलाज करवाना बेहद ज़रूरी होता है, इसलिए लक्षण का पता लगते ही तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और अपना इलाज करवाएं | आइये जानते है डीप वेन थ्रोम्बोसिस के मुख्य लक्षण कौन से है :-
डीप वेन थ्रोम्बोसिस के मुख्य लक्षण कौन से है ?
दूसरी बीमारियों की तरह भी डीप वेन थ्रोम्बोसिस के उत्पन्न होने के कुछ संभावित लक्षण होते है, जिसके माध्यम से डीप वेन थ्रोम्बोसिस होने की पुष्टि किया जा सकता है, जिनमें शामिल है :-
- चक्कर आना या फिर पसीना का आना
- ख़ासिन के साथ खून का बाहर आना
- घबराहट के साथ बेचैनी होना
- रात को सोते समय तकलीफ से ताक़लीफ़ से गुजरना
- बांह से कलाई तक तीव्र दर्द होना
- दिल की धड़कन का अचानक से तेज़ हो जाना
- सांस लेते समय सीने में तीव्र दर्द होना
- प्रभावित हिस्से का गर्म होना
- प्रभावित हिस्से में सूजन, ऐंठन और दर्द होना
- प्रभावित हिस्से की का पीला, नीला और लाल होना
लेकिन जीवन शैली में कुछ बदलाव लाने से भी व्यक्ति डीप वेन थ्रोम्बोसिस के होने की संभावना को काफी हद तक कम कर सकता है | आइये जानते है ऐसे 4 उपाय के बारे में :-
डीप वेन थ्रोम्बोसिस को कम करने के लिए इस 4 उपाय का करें इस्तेमाल |
- जीवनशैली में बदलाव लाएं :- डीप वेन थ्रोम्बोसिस होने के लक्षणों में इनएक्टिव जीवनशैली और एक ही जगह पर काफी समय तक बैठना शामिल है | लेकिन अगर डीप वेन थ्रोम्बोसिस अगर शुरूआती चरण में है तो जीवन शैली में में सकारात्मक बदलाव लाने से आप इस समस्या से पड़ने वाले प्रभावों को कम कर सकते है | इसके लिए प्रत्येक व्यक्ति को सुबह उठकर व्यायाम ज़रूर करना चाहिए | इसके साथ ही संतुलित आहार को अपनी डाइट में शामिल करें | उन खानपान से दूर रहे, जो फैट जैसे पदार्थों से भरपूर होते है | इसके अलावा धूम्रपान और शराब जैसी नशीली पदार्थों का सेवन बिलकुल न करें |
- निर्धारित की गयी दवाओं का सेवन ज़रूर करें :- एक बेहतर जीवनशैली के साथ-साथ डीप वेन थ्रोम्बोसिस से पीड़ित व्यक्ति को अनुभवी डॉक्टर के पास जाकर अपना इलाज ज़रूर करवाना चाहिए, क्योंकि इलाज के दौरान डॉक्टर खून को पतला के लिए कुछ दवाएं निर्धारित करता है, जो जमा खून के थक्कों को तोड़ने का कार्य करता है |
इसलिए निर्धारित की गयी दवाओं का सही समय पर सेवन करते रहना चाहिए, ताकि डीप वेन थ्रोम्बोसिस से होने वाले प्रभाव को कम किया जा सके |
- कम्प्रेशन स्टॉकिंग का उपयोग करें :- कम्प्रेशन स्टॉकिंग एक तरह का मौजा होता है, जिसके उपयोग से पैरों की नसों में खून को जमने से रोका जा सकता है | डीप वेन थ्रोम्बोसिस के इलाज के लिए डॉक्टर से परामर्श के बाद आप इन स्टॉकिंग का इस्तेमाल कर सकते है |
- सर्जरी :- जब जीवनशैली में बदलाव, दवाओं के सेवन करने और कम्प्रेशन स्टॉकिंग को पहने के बाद स्थिति में किसी प्रकार सुधर नहीं आ रहा तो डॉक्टर डीप वेन थ्रोम्बोसिस के इलाज के लिए सर्जरी को कराने का सुझाव दे सकते है, क्योंकि डीप वेन थ्रोम्बोसिस के इलाज के लिए सर्जरी ही एक अंतिम विकल्प होता है | डीप वेन थ्रोम्बोसिस की सर्जरी को कई तरह से किया जाता है, लेकिन लेज़र सर्जरी को सबसे प्रभावशाली सर्जरी में से एक माना जाता है |
यदि आप या फिर आपका प्रियजन डीप वेन थ्रोम्बोसिस की समस्या से पीड़ित है और स्थायी रूप से इलाज करवाना चाहता है तो इसमें दीपक हार्ट इंस्टिट्यूट आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था के पास कार्डियोलॉजिस्ट में स्पेसलिस्ट डॉक्टरों की बेहतरीन टीम है जो पिछले कई सालों से डीप वेन थ्रोम्बोसिस से पीड़ित व्यक्तियों का सटीकता और स्थायी रूप से इलाज कर रहे है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही दीपक हार्ट इंस्टिट्यूट नामक वेबसाइट पर जाएँ और अपनी अप्पोइन्मनेट को बुक करें | इसके अलावा आप वेबसाइट पर दिए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |