पेसमेकर एक छोटा-सा उपकरण होता है, जिसका उपयोग कुछ एरिथमिया या फिर अनियमित रूप से हो रहे दिल की धड़कन का इलाज करने के लिए किया जाता है | एरिथमिया की वजह से आपका हृदय बहुत तेज़, बहुत धीमा और ताल के साथ धड़क सकता है, जिसकी वजह शरीर में रक्त प्रवाह असंतुलित हो जाता है और सांस लेने में भी परेशानी होती है | पेसमेकर आपके दिल को सामान्य दर और ताल पर धड़कने में मदद करने के लिए बिजली के स्पंदन भेजते है | दरअसल पेसमेकर का उपयोग आपके हृदय कक्षों को एक सिंक में धड़कने में मदद करने के लिए किया जाता है, ताकि आपका हृदय शरीर में मौजूद रक्त वाहिकाओं को अधिक कुशलता से पंप कर सके | यदि दिल अनियमित रूप से धड़क रहा है तो आपको पेसमेकर की आवश्यकत पड़ सकता है |
आपको अस्थायी या दीर्घकालिक पेसमेकर की आवश्यकता पड़ सकती है | जो अस्थायी पेसमेकर होता है, वह आमतौर पर गर्दन में एक नस के माध्यम से डाला जाता है और जो आपके शरीर के बाहर ही रहता है | इसके अलावा एक स्थायी पेसमेकर को आपके छाती या फिर पेट में लगाया जाता है | पेसमेकर को लगाने के लिए आपको कुछ घंटों या रात भर हॉस्पिटल में रहने की आवश्यकता पड़ सकती है | एक बार जब आप घहर वापस चले जाते है तो शल्य चिकित्सक दूर से ही आपके पेसमेकर की जांच कर सक सकते है और इसके गतिविधि की जांच करने के लिए नियमित रूप से मिलने के लिए समय भी निर्धारित कर सकते है | यदि आप भी ऐसे ही परिस्थिति से गुजर रहे है तो इलाज के लिए आप पंजाब के बेहतरीन अस्पताल दीपक हार्ट इंस्टीट्यूट से परामर्श कर सकते है | आइये जानते है पेसमेकर किनते प्रकार के होते है :-
पेसमेकर कितने प्रकार के होते है ?
पेसमेकर के विभिन्न प्रकार निम्नलिखित है :-
- सीसा रहित पेसमेकर :- कैथेटर-आधारित प्रक्रिया का इस्तेमाल करके एक छोटा-सा पेसमेकर, जिसका आकर लगभग एक बड़ी गोली की तरह होता है, उससे डाला जाता है | यह उपकरण आपके हृदय की भीतरी दीवार से जुड़ा हुआ होता है, जिसका मतलब यह हुआ है की इसके किसी भी तरह के तार की आवश्यकता नहीं होती है |
- सिंगल-चैंबर पेसमेकर :- सिंगल-चैंबर पेसमेकर में आपके दिल के एक कक्ष से जुड़ा एक तार का उपयोग किया जाता है |
- ड्यूल-चैंबर पेसमेकर :- ड्यूल-चैंबर पेसमेकर में आपके दिल दो कक्षों से जुड़े दो तारों का उपयोग करता है |
- बायवेंट्रिकुलर पेसमेकर :- बायवेंट्रिकुलर पेसमेकर में तीन तारों का उपयोग किया जाता है, जिसमें दो तार आपके दिल के निचले कक्षों से जुड़ा हुआ होता है और तीसरी तार दाएं ऊपरी कक्ष से यानी दाहिने आलिंद से जुड़ा हुआ होता है | इससे कार्डियक रिंसिंक्रनाइजेशन थेरेपी के रूप से भी जाना जाता है |
पेसमेकर का किन स्थितियों का इलाज करने के लिए किया जाता उपयोग ?
पेसमेकर का निम्नलिखित स्थितियों का इलाज में किया जाता है उपयोग :-
- एरिथमिया या फिर दिल की धड़कन का अनियमित रूप से धड़कना
- आपके हृदय में किसी प्रकार ब्लॉक या फिर विद्युत प्रणाली में व्यवधान
- दिल की धड़कन का बार-बार रुकना
- बार-बार दिल के दौरे पड़ने का इतिहास होना
पेसमेकर के क्या-क्या लाभ है ?
पेसमेकर आपके जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए और हृदय की समस्याओं के कारण होने वाले व्यवधानों को रोकने में मदद करता है | इसके लाभ कुछ इस प्रकार है :-
- सीने में दर्द होना, भ्रम, घबराहट, मतली होना और हृदय की अधिक गति की समस्याओं से होने वाले लक्षणों को कम करता है |
एरिथमिया से होने वाले बेहोशी जैसे अप्रिय लक्षणों को रोकता है | - दिल की धड़कन को रोकने से रोक कर जान बचाता है आदि |
यदि आप में कोई भी व्यक्ति दिल से जुड़ी किसी भी प्रकार की समस्या से गुजर रहा है तो इलाज के लिए आप दीपक हार्ट इंस्टीट्यूट से परामर्श कर सकते है | दीपक हार्ट इंस्टीट्यूट में मौजूद सभी डॉक्टर पंजाब के बेहतरीन कार्डियोलॉजिस्ट में से एक है, जो आपकी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में पूर्ण रूप से मदद कर सकते है | इसलिए आज ही दीपक हार्ट इंस्टीट्यूट की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाएं और परामर्श के लिए अपनी अप्पोइन्मेंट को बुक करें | इसके अलावा आप चाहे तो वेबसाइट में मौजूद नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |