मानसिक स्वास्थ्य को खराब कर सकता है बढ़ता हुआ कोलेस्ट्रॉल, जाने ऐसे 4 तरीके जो नसों में जमा गन्दगी को करें ख़त्म 

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कोलेस्ट्रॉल शरीर में पाए जाने वाला एक वसायुक्त पदार्थ होता है जो शरीर के एक ज़रूरी तत्व माना जाता है, लेकिन अधिक मात्रा होने पर यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है | बढ़ता हुआ कोलेस्ट्रॉल सीधा हृदय के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है | लेकिन आपको बता दें की इसका असर हृदय के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है | एक व्यक्ति के दिमाग के कोशिका सरंचना को बनाये रखने, न्यूरोट्रांस्मिशन को बेहतर बनाने और दिमागी स्वास्थ्य को बढ़ावा देना का पूरा कार्य कोलेस्ट्रॉल पर निर्भर होता है | इसलिए कोलेस्ट्रॉल का हाई और लो दोनों ही लेवल मानसिक स्वास्थ्य को बुरी तरह से प्रभावित कर सकते है, जिस कारण दिमाग से जुड़े कई कार्यों में खलल पड़ सकती है | आइये जानते है कोलेस्ट्रॉल क्या होता है :- 

कोलेस्ट्रॉल क्या है ? 

कोलेस्ट्रॉल एक मोमी जैसा वसा पदार्थ होता है, जो आपके शरीर में कई तरह के कामों को करने में मदद करता है, जैसे कि शरीर में मौजूद कोशिकाओं की मरम्मत करना, शरीर में पित्त, हार्मोन और विटामिन डी को बनाने में और वसायुक्त भोजन को पचाने में मदद करना आदि शामिल है | इसलिए कोलेस्ट्रॉल को शरीर के लिए एक ज़रूरी तत्व माना गया है, लेकिन इसका रक्त में अधिक मात्रा बढ़ने पर यह शरीरक और मानसिक स्थिति दोनों को प्रभावित कर सकता है | 

कोलेस्ट्रॉल और मानसिक स्वास्थ्य के संबंध को समझाना क्यों ज़रूरी होता है ? 

कोलेस्ट्रॉल और मानसिक स्वास्थ्य के संबंध को समझाना इसलिए ज़रूरी होता है क्योंकि इससे आपको मानसिक स्वास्थ्य से जुडी समस्या और उपचारों को समझने में मदद मिल सकती है | लेकिन कुछ दवाएं है, जिसके मदद से आप अपने कोलेस्ट्रॉल के लेवल को नियंत्रित करने की कोशिश कर सकते है, जिससे अवसाद और चिंता के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है |लेकिन बिना डॉक्टरी सलाह के किसी भी प्रकार के दवाइयों का सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है, इसलिए ऐसे ही किसी भी तरह के दवाओं का सेवन बिलकुल न करें | आइये इस बात को समझते है हाई और लौ कोलेस्ट्रॉल होने पर दिमाग पर क्या असर पड़ता है :- 

कम कोलेस्ट्रॉल होने पर दिमाग में करा असर पड़ता है ? 

कम कोलेस्ट्रॉल होने पर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी कई बीमारियों को बढ़ावा मिल जाता है, जैसे की :- 

  • अवसाद :- कोलेस्ट्रॉल सेरोटोनिन रिसेप्टर्स के काम को बढ़ाने में मदद करता है | जब कोलेस्ट्रॉल की कम हो जाता है तो इससे सेरोटोनिन भी कम काम करता है | जिसके यह अवसाद के लक्षणों को बढ़ावा देता है | 
  • चिंता :- कोलेस्ट्रॉल एक व्यक्ति के मूड को ठीक करने के लिए न्यूरो सेंटीमीटर को संतुलन बनाये रखने में मदद करता है | जब शरीर में मौजूद कोलेस्ट्रॉल कम हो जाता है, यो इससे चिंता की लक्षणों को बढ़ावा देने लग जाता है |  

हाई कोलेस्ट्रॉल होने पर मानसिक स्थिति पर क्या असर पड़ता है ? 

एक अध्ययन में यह पाया गया है की असंतुलित जीवनशैली, ख़राब आदतें और अधिक वजन बढ़ने से तनाव को बढ़ावा मिल  सकता है, जो हाई कोलेस्ट्रॉल के जोखिम कारक होते है | जिनमें शामिल है :- 

  • अल्ज़ाइमर का रोग 
  • वैस्कुलर डिमेंशिया आदि 

तनाव और कोलेस्ट्रॉल से कैसे पाएं निदान 

चूँकि कोलेस्ट्रॉल और तनाव का आपस में संबंध होता है, इसलिए कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण करना बेहद ज़रूरी होता है, जिससे तनाव की समस्या को भी नियंत्रण करने में मदद मिल सकती है | लम्बे समय तक रहने वले तनाव सेहत के लिए हानिकारक हो सकते है | इसलिए जीवनशैली में कुछ बदलाव करें, जिससे कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण करने में मदद मिल सकती है | 

  1. एक्सरसाइज करे :- प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन एक नियमित रूप से एक्सरसाइज ज़रूर करना चाहिए, जिससे आपको कोलेस्ट्रॉल और तनाव को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी स्वस्थ रहेगा | 
  1. हेल्दी डाइट को अपनाएं :- इस बात का ज़रूर ध्यान रखें कि आप संतुलित आहार और पौष्टिक तत्व से भरपूर पदार्थों का ही सेवन करें | ऐसा करने से आप कोलेस्ट्रॉल को पूर्ण रूप से नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है |
  1. नशीली पदार्थों से दूर रहे :- धूम्रपान और शराब जैसे नशीली पदार्थ भी कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने का कार्य करता है, इसलिए इन नशीली पदार्थों का सेवन बिलकुल न करें |
  1. डॉक्टर के पास जाएं :- यदि आप हाई कोलेस्ट्रॉल और लो कोलेस्ट्रॉल की समस्या के चपेट में आ गए हो तो बेहतर है की आप किसी अच्छे डॉक्टर के पास जाएं और अपना इलाज करवाएं | ऐसा करने से आपको कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी | 

इससे जुड़ी अधिक जानकारी यदि आप प्राप्त करना चाहते है या फिर आप भी कोलेस्ट्रॉल से जुडी समस्या से पीड़ित है तो इसमें दीपक हार्ट इंस्टिट्यूट आपकी पूर्ण रूप से मदद कर सकता है | इस संस्था में मौजूद सभी डॉक्टर पंजाब के बेहतरीन कार्डियोलॉजिस्ट में से एक है, जो इस समस्या का सटीकता से इलाज कर, इससे छुटकारा दिलाने में आपकी मदद कर सकते है | इसलिए परामर्श के लिए आज ही दीपक हार्ट इंस्टिट्यूट नामक वेबसाइट पर जाएं और अपनी अपॉइनमेंट को बुक करें | इसे अलावा आप वेबसाइट पर दिए गए नंबरों से सीधा संस्था से संपर्क कर सकते है |   

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